17वीं लोकसभा का कार्यकाल 10 फरवरी 2024 को समाप्त हुआ। 5 साल का यह कार्यकाल कई महत्वपूर्ण घटनाओं और विवादों से भरा रहा।

धारा-370 हटाना:

17वीं लोकसभा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य था जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को हटाना। 5 अगस्त 2019 को सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया। इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया।

महिला आरक्षण:

17वीं लोकसभा ने महिला आरक्षण विधेयक भी पारित किया। इस विधेयक के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

विवादों से भरा कार्यकाल:

17वीं लोकसभा का कार्यकाल विवादों से भी भरा रहा। सदन की सुरक्षा में चूक, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर जमकर हंगामा हुआ।

सदन की सुरक्षा में चूक:

13 दिसंबर 2022 को, लोकसभा में किसानों ने प्रवेश कर हंगामा किया। इस घटना ने सदन की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा किया।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA):

2019 में पारित नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भी काफी विवाद हुआ। इस कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए।

किसान आंदोलन:

2020 में केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन शुरू किया। यह आंदोलन साल भर चला और 2021 में सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना पड़ा।

निष्कर्ष:

17वीं लोकसभा का कार्यकाल कई महत्वपूर्ण घटनाओं और विवादों से भरा रहा। धारा-370 हटाना, महिला आरक्षण विधेयक पारित करना, सदन की सुरक्षा में चूक, CAA और किसान आंदोलन जैसे मुद्दे इस कार्यकाल को यादगार बनाते हैं।

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महिला आरक्षण विधेयक पारित, लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण

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