वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित व्यासजी के तहखाने की तस्वीरें बुधवार को सामने आईं, जब 30 साल बाद वहां दीप जलाए गए और पूजा-अर्चना की गई। तस्वीरों में तहखाने के अंदर एक शिवलिंग और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां दिखाई दे रही हैं।

 

यह घटना वाराणसी जिला अदालत के आदेश के बाद हुई, जिसमें कहा गया था कि तहखाने को खोला जाए और वहां हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जाए। यह आदेश ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के बाद दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया था।

तहखाने में मिला शिवलिंग, हिंदू पक्ष ने जताई खुशी

तहखाने को खोलने और पूजा-अर्चना करने की अनुमति दिए जाने के बाद हिंदू पक्ष ने खुशी जताई है। उनका कहना है कि यह उनके लिए एक ऐतिहासिक जीत है। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है और कहा है कि वे इसका विरोध करेंगे।

1993 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद बंद था तहखाना

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित व्यासजी का तहखाना 30 साल से बंद था। 1993 में, बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद, तहखाने को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया था। तब से, हिंदू पक्ष तहखाने को खोलने और वहां पूजा-अर्चना करने की मांग कर रहा था।

बुधवार को, वाराणसी जिला अदालत के आदेश के बाद, तहखाने को खोला गया और हिंदुओं को वहां पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी गई। तहखाने के अंदर एक शिवलिंग और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलीं।

हिंदू पक्ष का कहना है कि यह शिवलिंग भगवान विश्वनाथ का है, जो ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर के अवशेष हैं। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह शिवलिंग नहीं, बल्कि एक फव्वारा है।

ज्ञानवापी मामले में अभी भी सुनवाई जारी है। यह देखना बाकी है कि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है।

भारत में धार्मिक तनाव का नया केंद्र बना ज्ञानवापी मामला

यह मामला भारत में धार्मिक तनाव का एक नया केंद्र बन गया है। दोनों पक्ष अपने-अपने दावों पर अड़े हुए हैं। यह देखना बाकी है कि यह मामला कैसे सुलझता है।

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