भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू) नेता नीतीश कुमार नए गठबंधन के साथ 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इस गठबंधन को “इंडिया अलायंस” नाम दिया गया है और इसमें जेडीयू, समाजवादी पार्टी (एसपी) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) शामिल हैं।

हाल ही में जेडीयू नेता कांग्रेस से नाराज नजर आ रहे हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ‘अत्याधिक मांग’ कर रही है. उन्होंने दावा किया कि जेडीयू सिर्फ पच्चीस सीटें चाहती है, जबकि कांग्रेस 120 से 150 सीटें चाहती है.

जेडीयू के एक और नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘अहंकारी’ है और जदयू को उसकी योग्यता के अनुरूप सम्मान नहीं दे रही है.

कांग्रेस ने जेडीयू के आरोपों से इनकार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस सीट बंटवारे पर जेडीयू के साथ बातचीत कर रही है और “समान और न्यायसंगत” समझौते पर पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है।

कांग्रेस से क्यों नाराज हैं नीतीश कुमार के नेता?

नीतीश कुमार के कांग्रेस नेताओं से नाराज होने के कई कारण हो सकते हैं. इसकी एक वजह यह हो सकती है कि कांग्रेस को जेडीयू को उसकी योग्यता के मुताबिक मौका देने की जरूरत है. जेडीयू बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है और पिछले कई चुनावों में उसने अच्छा प्रदर्शन किया है. इसलिए जेडीयू को उम्मीद है कि कांग्रेस उसे 120 से 150 सीटें देगी.

दूसरा कारण यह हो सकता है कि कांग्रेस सीट बंटवारे को लेकर ‘अत्यधिक मांग’ कर रही है. कांग्रेस जेडीयू को सिर्फ 50 सीटें देना चाहती है, जबकि जेडीयू 120 से 150 सीटें चाहती है. यह अंतर बहुत बड़ा है और यह दोनों पक्षों के बीच कलह का कारण बन सकता है।

तीसरा कारण यह हो सकता है कि कांग्रेस ‘अहंकारी’ है और जदयू को उसकी योग्यता के अनुरूप सम्मान नहीं देती. जेडीयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस जेडीयू को ‘छोटी पार्टी’ मानती है. यह आरोप दोनों पार्टियों के बीच मतभेद भी पैदा कर सकता है.

सीट बंटवारे पर जेडीयू और कांग्रेस के बीच क्या होगा?

जेडीयू और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर क्या होगा, यह अभी भी स्पष्ट होना बाकी है. दोनों पक्षों ने कहा है कि वे “समान और न्यायसंगत” समझौते पर पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालाँकि, दोनों पक्षों के बीच मतभेद बहुत अधिक हैं, और किसी समझौते पर पहुँचने में बहुत मेहनत लगेगी।

अगर जेडीयू और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई तो दोनों पार्टियों को बड़ा नुकसान होगा. यह हार दोनों पार्टियों के लिए चुनावी हार का कारण बन सकती है।

निष्कर्ष

नीतीश कुमार के नेता संभवतः सीट बंटवारे पर असहमति के कारण कांग्रेस से नाराज हैं. सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनने से जेडीयू और कांग्रेस दोनों को काफी नुकसान हो सकता है।

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