नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी है। देशभर में किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में, 16 फरवरी को देशभर में ‘भारत बंद’ का आह्वान किया गया था। इस दौरान कई राज्यों में किसानों ने सड़कों को जाम कर प्रदर्शन किया।

महापंचायत में बड़ी लड़ाई का आह्वान:

पंजाब के मुक्तसर में हुई महापंचायत में किसान नेताओं ने कहा कि सरकार को इन कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करना होगा। उन्होंने कहा कि किसान दिल्ली में दूध और सब्जी की आपूर्ति बंद कर देंगे।

किसानों ने अधिनियम का विरोध किया:

महापंचायत में किसानों ने कहा कि ये कानून उनकी आजीविका को खतरे में डालते हैं। उन्होंने कहा कि ये कानून बड़े किसानों और कंपनियों को फायदा पहुंचाएंगे, जबकि छोटे किसानों को बर्बाद कर देंगे।

किसानों की मांगें:

किसानों की मुख्य मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। इसके अलावा, वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप से गारंटी देने की भी मांग कर रहे हैं।

सरकार का रुख:

सरकार ने कहा है कि वह किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है। हालांकि, सरकार ने अभी तक कानूनों को वापस लेने का कोई संकेत नहीं दिया है।

आगे क्या?

यह देखना बाकी है कि सरकार किसानों की मांगों को पूरा करती है या नहीं। यदि सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आंदोलन और तेज होने की संभावना है।

भारत बंद का असर:

भारत बंद का देशभर में व्यापक असर देखने को मिला। कई राज्यों में रेल और सड़क यातायात बाधित हुआ। इसके अलावा, कई दुकानें और बाजार बंद रहे।

किसानों का आंदोलन:

किसानों का आंदोलन पिछले साल सितंबर से जारी है। इस दौरान कई किसानों की जान भी जा चुकी है।

यह आंदोलन देश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह देखना बाकी है कि सरकार किसानों की मांगों को पूरा करती है या नहीं।

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