22 दिसंबर 2023 -भारत की ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने गुरुवार को रोते हुए कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया। उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के नए अध्यक्ष संजय सिंह बबलू की नियुक्ति पर कड़ा विरोध जताया।

सरकार ने नहीं पूरा किया अपना वादा

साक्षी मलिक ने उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा, “बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हमने सच्चाई और न्याय के लिए लड़ा है, लेकिन मेरा यह नारा हमेशा रहा है कि इस लड़ाई का अर्थ सिर्फ मेरे लिए नहीं है, बल्कि सभी महिला खिलाड़ियों के लिए है।”

उन्होंने आगे कहा, “आज की तारीख में हमें और भी मिले हुए हौंसले की आवश्यकता है, ताकि महिलाएं भी खेल के क्षेत्र में अपने स्थान को मजबूती से बना सकें। महिला अध्यक्ष बनने पर हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारी बातें सुनी जाएंगी और महिला खिलाड़ियों की आवाज भी सुनी जाएगी।”

उसने आपको देखकर कहा, “मेरे लिए नहीं, हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम साथ मिलकर महिलाओं को उनके अधिकारों और सम्मान का एक नया स्तर प्रदान करें। आने वाली पीढ़ियों को हमें एक सकारात्मक और समर्थन में शक्तिशाली दृष्टिकोण दिखाना होगा, ताकि वे भी अपने सपनों की पूर्ति के लिए उत्साहित हों।”

साक्षी मलिक ने कहा कि वह बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद से संघ में सुधार के लिए लड़ रही थीं। उन्होंने कहा कि नए अध्यक्ष की नियुक्ति से उन्हें विश्वास नहीं है कि कुश्ती संघ में सुधार होगा।

रोते हुए बीच में छोड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस

मलिक ने कहा, “मैंने 12 साल तक कुश्ती की है। मैंने इस खेल के लिए अपना सब कुछ दिया है। लेकिन अब मुझे लगता है कि कुश्ती संघ में सुधार नहीं होगा। इसलिए मैं कुश्ती से संन्यास ले रही हूं।”

पहलवान साक्षी मलिक ने सेवानिवृत्ति की घोषणा की:

मलिक की संन्यास की घोषणा से कुश्ती जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। वह भारत की पहली महिला पहलवान हैं जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता था।

साक्षी मलिक की संन्यास की घोषणा के बाद कई पहलवानों ने भी विरोध जताया है। बजरंग पूनिया ने कहा कि साक्षी मलिक की संन्यास की घोषणा से भारतीय कुश्ती को बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि साक्षी मलिक एक प्रेरणा थीं और उनकी कमी हमेशा महसूस होगी।

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