प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के CM केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले मामले में चौथी बार समन जारी किया है। केजरीवाल को 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
ईडी ने केजरीवाल को इससे पहले दो नवंबर, 21 दिसंबर और 3 जनवरी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह तब पेश नहीं हुए थे। केजरीवाल ने कहा था कि वह दिल्ली में लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जांच में शामिल नहीं हो सकते हैं।
दिल्ली शराब घोटाला मामला 2020 में तब सामने आया था जब दिल्ली के एक शराब ठेकेदार ने ईडी से शिकायत की थी कि सरकार ने शराब की बिक्री के लिए गलत तरीके से टेंडर दिए हैं। ईडी ने इस मामले में जांच शुरू की और कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार में शराब की बिक्री के लिए टेंडर देने में भ्रष्टाचार किया है। ईडी के मुताबिक, केजरीवाल ने अपने करीबियों को शराब की बिक्री के लिए टेंडर दिए थे।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चौथा समन जारी किया है। 18 जनवरी को सीएम को कोर्ट में उपस्थित होने का अनुरोध किया गया है.इससे पहले तीसरे समन पर सीएम ने पेश होने से मना कर दिया था।
सीएम केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चौथा समन जारी किया है। सीएम को मामले में 18 जनवरी को पेश होने के लिए कहा है।
पूछताछ के लिए बुलाया
ईडी ने शराब घोटाले के सिलसिले में सीएम केजरीवाल को चौथा समन जारी किया है।एजेंसी ने पूछताछ के लिए उन्हें पेश होने को कहा है।
पार्टी का दावा– गिरफ्तारी की हो रही साजिश
ईडी के नए समन के बाद आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि ईडी सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहती है। पार्टी ने कहा कि ये पूछताछ केवल बहाना है,ईडी हमारे मुखिया को हिरासत में लेना चाहती है. यदि ईडी चाहे तो अपने प्रश्न लिखित रूप में प्रस्तुत कर सकता है।
बता दें कि केजरीवाल ने 3 जनवरी को तीसरी बार ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था और कहा था कि एजेंसी का कानून समानता या न्याय की कसौटी पर खरा नहीं उतर सकता है। मुख्यमंत्री को पहले 2023 में 2 नवंबर और 21 दिसंबर को पद छोड़ने के लिए कहा गया था।
यह है आरोप
बता दें कि इस नीति को लेकर यह आरोप लगाया गया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की उत्पाद शुल्क नीति ने गुटबंदी की अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। हालांकि, इस आरोप का AAP ने बार-बार खंडन किया।
इसके बाद नीति को रद्द कर दिया गया था और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया।
केजरीवाल ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि वह ईडी की जांच में शामिल होंगे और सारी सच्चाई सामने लाएंगे।
केजरीवाल की पूछताछ से राजनीतिक हलकों में भी हलचल है। विपक्षी दलों ने केजरीवाल पर निशाना साधा है और कहा है कि वह इस मामले में घिर चुके हैं।
दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यह मामला चुनाव में भी एक मुद्दा बन सकता है।